Penis Enlargement in INDIA,herbal.

Friday 29 September 2017

स्तनों के आकार कैसे बढ़ाये

Breast Size  कैसे बढ़ायेसुंदर दिखना हर किसी का सपना होता और ख़ासकर लड़कियों और महिलाओं को इस बात की फिकर बहुत ज़्यादा होती है. अपने चारो और हम आकर्षक काया (figure) वाली Girls और Ladies को देखते है. News, Magazines, Films के Posters और Arts मे Ladies की खूबसूरती को तो और बढ़ा चढ़ा कर दिखाया जाता है. इस तरह की ladies की काया को ही perfect figure माना जाता है.  ऐसा माना जाता है कि भरे हुए स्तन सुन्दरता को परिभाषित करते हैं एवं एक महिला के नारीत्व को निखारते हैं। इससे उनके आत्मविश्वास में भी वृद्धि होती है और उनमें खुद के प्रति गर्व का भाव उत्पन्न होता है।

कुछ महिलाओं को कसे हुए स्तनों का वरदान मिला होता है, पर कुछ महिलाएं ऐसी भी होती हैं जिनके स्तन छोटे होते हैं। कई लड़किया जिन का Breast Size कम होता है वो बहुत परेशान रहती है. उनका confidence कम हो जाता है. उनके उनपर कोई भी dress अच्छी नही लगती है. लेकिन इससे इतना परेशान होने की ज़रूरत नही है क्योंकि आज हम आपको Breast Size Badhane ke Tarike बताने जा रहे है.

स्तनों का आकार कैसे बढ़ाये

एक महिला के फिगर (figure) मे breast का अपना महत्व (important) होता है. लेकिन हर महिला और लड़की वो attractive figure हासिल नही कर पाती, जिसकी उन्हे चाह होती है. लेकिन कुछ उपाए करके ब्रेस्ट के आकर को बढ़ाकर prefect figure की तरफ एक कदम बढ़ाया जा सकता है. स्तनों को बड़ा करने के कई उपाय और विकल्प उपलब्ध हैं। इनमें स्तनों की क्रीम (cream), गोलियां (medicine) तथा Hormonal Injection से लेकर महँगी शल्य चिकित्सा तक शामिल है। ये कुछ बेस्ट टिप्स है जिनसे आपके Breast Size Increase करने लगेगी.

1. व्यायाम करने से (Exercise to Increase Breast Size)

व्यायाम जहा हमारे पूरे शरीर को मजबूती और हृष्ट-पुष्ट बनाता है वही हमारी बॉडी के लिए भी बहुत फायदेमंद होता है. Breast size को सुडौल और sexy बनाने के लिए आपको व्यायाम करना बहुत ज़रूरी है. अगर आप कुछ नीचे दिए गये exercise मे से कोई भी रोजाना करते हो तो आपको बहुत फायदा मिलेगा. Exercise करने से आपके body मे खिचाव आता है जिससे जिससे मांसपेशिया खुलती है और जिससे उनके आकर मे परिवर्तन आता है.

2. स्तनों के मसाज (Breast Massage)

स्तनों के आकार बढ़ाने के लिए ब्रेस्ट मसाज सबसे अच्छा तरीका है रोजाना मसाज से आपके ब्रेस्ट तो increase होगा ही साथ मे आपके breast का skin भी अच्छी रहती है. और इससे blood का प्रवाह भी सही से होने लगता हैं. और मसाज करने के कारण breast की मासपेशिया भी खुल जाती हैं. जिसके कारण breast का आकार बढ़ने लगता हैं. मालिश करने से chest के अंदर ब्रेस्ट बढ़ाने वाले hormone बढ़ने लगते हैं. और यही hormone breast का आकार बढ़ाने में भी मदद करते हैं. breast मसाज के लिए अच्छा तेल या आजकल बाजार मे कई तरह की cream मिल रही है जिसका आप doctors की मदद से इस्तेमाल कर सकते है.

3. अच्छा आहार (Food For Breast Growth)

आप अपने आहार को कंट्रोल करके अपने breast को C आकर दे सकती है. breast का size बढ़ाने का ये सबसे आसान तरीका है. जो महिलाये खाने पीने में आनाकानी करती हैं जिसके कारण उनके शरीर में कमी आ जाती हैं. और जिनकी वजह से उनके शरीर के कई parts की सही से देखभाल नहीं हो पाती. इससे अच्छा हैं अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए और अपने अंगो को सही आकार देने के लिए सही ढंग से healthy यानि सेहतमंद आहार लेना चाहिए.
फल, हरी सब्जियाँ और साबुत अनाज का सेवन ज़्यादा से ज़्यादा करें इससे आपको वो काया मिलेगी जो आप हमेशा से पाना चाहती है. आपके breast छोटे है क्यूंकी आपके शरीर मे Estrogen की कमी है और ज़्यादा Testosterone बन रहा है. ऐसे मे आपको अपने hormone को balance करना होगा. एस्टरोगेन के लिए आप अपने diet मे सें, मटर और सोयाबीन को लेना ना भूलें. estrogen आपके breast के cells को बढ़ने मे हेल्प करता है. स्तनों के आकार को बढ़ाने के लिये आपको निचे दिए गये स्वस्थ आहार को ही अपनाना चाहिये –
• फल, सब्जीयाँ और शुद्ध धान्य : आपको फल और हरी सब्जियों का सेवन ही करना चाहिये जैसे सेब, गाजर और ककडी आपके स्वास्थ के लिये बहुत जरुरी है. ये फल और सब्जीयाँ आपके शरीर को जरुरी nutrition प्रदान करती है. साथ ही Testosterone label को भी बढाती है.
• Estrogen से भरपूर आहार : स्तनों के छोटे होने का सबसे महत्वपूर्ण कारण estrogen की कमी का होना है. लेकिन कुछ ऐसे पदार्थ है जो आपके शरीर में एस्ट्रोजन की मात्रा को बढ़ाते है जैसे की मैथी, सोयाबीन, बीज, चना, dairy products और तेजपत्ता, काली मिर्च, अजवाइन और अदरक.

4. पेय पदार्थ (Drinking Water)
पेय पदार्थ शरीर  के लिए बहुत ही उपयोगी होते है. ज़्यादा मात्रा मे पेय पदार्थ लेने से छाती मे estrogen नाम का hormone वृद्धि करता हैं. जिससे महिलाओ के breast के उत्तक फैलने लगते हैं, और breast का आकार बढ़ाने का ये भी एक तरीका हैं. परंतु ऐसा नहीं हैं के एक दिन में ही ऐसा करने से आपको इस समस्या से निजात मिल जायेगा आपको ये सब रोजाना करना होगा. और धैर्य रखना होगा. जिसके कारण breast का आकार बढ़ने लगता हैं ये प्रक्रिया धीरे धीरे होती हैं.

5. विटामिन (Vitamin)

जी हाँ, Vitamins की कमी के कारण भी आपके Breast Increasing रुक सकती है. जैसा की ह्मने  उपर आपको फलो और सब्जियो के बारे मे बताया है, इन सब Foods मे बहुत Vitamins है जिन की वजह से आपके ब्रेस्ट को ग्रोत मिलेगी. आप Vitamins के capsules भी ले सकते है. नीचे हम आपको बताते है की कों से Vitamins की वजह से breast growth होती है.
विटामिन A
विटामिन B
विटामिन C

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Saturday 23 September 2017

आपकी ऐसी लाइफस्टाइल आपको बना सकती है बाँझ

infertility यानि के बाँझपन और कोई नहीं चाहता है कि उसके बच्चे नहीं हो हालाँकि यह मुद्दा जितना स्वास्थ्य से जुड़ा है उस से भी कंही अधिक जुड़ा है हमारे सामाजिक ताने बाने से क्योंकि जन्हा कई लोग या महिलाएं अपने करियर को लेकर देरी से माँ बनने को prefer करती है जबकि late pregnancy के अपने खतरे है | वन्ही सामाजिक ताने बाने को लेकर यह डर के साथ यह धारणा होती है कि बच्चे नहीं हुए तो ‘लोग क्या कहेंगे’ या फिर अगर बच्चे नहीं हुए तो ‘वारिस कौन होगा ‘ | जब यह सवाल केवल निचले दर्जे की सोच से ही पनपते है आप बच्चा गोद ले सकते है और दूसरे और विकल्प भी है जिन पर बात की जाये तो बहस लम्बी होती जाती है तो चलिए बात करते है infertility treatment in hindi विषय पर जिस पर चर्चा जरुरी है –

infertility से चूँकि कोई जान को बड़ा खतरा नहीं है इसलिए इसे उस नजरिये से नहीं देखा जाता है जैसे किसी बीमारी को देखा जाता है जबकि यह और बात है कि बीते जमाने में जब जागरूकता नहीं थी बच्चे नहीं होने का दोष केवल महिलाओं के सिर पर मढ़ दिया जाता था | खैर शुक्र है अब पहले जैसा नहीं है क्योंकि लोग जानते है infertility में महिला और पुरुष के साथ समस्या दोनों तरफ से ‘50-50’ प्रतिशत हो सकती है | लेकिन फिर भी है तो यह एक समस्या ही |
कैसे निर्धारण होता है infertility का – medical world के अनुसार ‘ अगर कोई कपल बिना किसी गर्भनिरोधक के दो साल या इस से भी अधिक समस्या तक शारीरिक सम्बन्ध बना रहा है और उसके बाद भी pregnancy नहीं होती है तो इसमें से महिला या पुरुष दोनों में से किसी एक के साथ infertility की समस्या हो सकती है |

reasons and treatment of infertility  – बाँझपन की समस्या के दो तरह के reason हो सकते है एक तो हमारा lifestyle जिस पर मैं हमेशा बात करता हूँ कि यह सही नहीं है क्योंकि हम health से अधिक अपने काम और करियर को अधिक तवज्जो देते है और दूसरा यह किसी शारीरिक खामी की वजह से भी हो सकता है | असल में शहरो में ऐसा होता ही कि काम के बोझ के तले जिदंगी दब जाती है जिसकी वजह stress और बुरी आदतें जैसे शराब , सिगरेट और नशे की वजह से हमारी health पर बुरा असर होता है और स्त्रियों में गर्भनिरोधकों और गर्भपात की बढती संख्या की वजह से प्रजनन क्षमता पर भी बुरा असर पड़ता है | साथ ही late pregnancy के concept की वजह से भी बच्चे के पैदा होने की सम्भावना समय के साथ न्यून होती जाती है और मेनोपोज के करीब जाते जाते महिलाओं में अंडे पैदा करने की क्षमता कम होती चली जाती है जिस से गर्भधारण की क्षमता भी कम होती जाती है जिसकी वजह से infertility की समस्या पैदा हो जाती है | 

अगर आप गर्भधारण या संतान उत्पति में समस्या देखते है तो आप एक अच्छे डॉक्टर को consult कर सकते है और आजकल बहुत सारे medical इलाज संभव है जिन्हें अपनाकर समस्या से मुक्ति पायी जा सकती है और फिर आप एक बच्चा गोद भी तो ले सकते है क्योंकि यह भी एक अच्छा विकल्प है क्योंकि इस से अच्छा तो कुछ हो ही नहीं सकता | infertility की समस्या आपके जीवन में नहीं आये इस से बचने के लिए आप अपने खानपान पर विशेष ध्यान दे सकते है और अपनी दिनचर्या को भी सम्भाल सकते है उसमे सुधार कर सकते है | ग्रामीण क्षेत्रो में प्रसव के समय अनुभवी डॉक्टर की अपेक्षा दाई पर अधिक भरोसा किया जाता है जबकि उन्हें आधुनिक medical समस्याओं के बारे में जानकारी नहीं होती जिसकी वजह से second pregnancy के लिए भी समस्या खड़ी होने के chances बढ़ जाते है इसलिए जरुरी है कि pregnancy के समय आप किसी अनुभवी महिला डॉक्टर से ही मदद लें |


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Friday 22 September 2017

जोड़ों के दर्द का घरेलू इलाज: Amazing Home Remedies for Joint Pain

जॉइंट पैन या जोड़ो का दर्द आजकल एक आम समस्या बन गया है। एक समय था जब एक उम्र के बाद जॉइंट पैन हुआ करता था और इसको बढ़ती उम्र की निशानी माना जाता था लेकिन आजकल की अव्यवस्थित जीवनशैली और अनुचित खान पान के कारण हर किसी के जोड़ो में दर्द की समस्या होने लगी है। शरीर के ऐसे हिस्से जहां दो हड्डियां मिलती हों, जोड़ कहलाते हैं, जैसे घुटने (knee), कंधे (shoulder), कोहनी (elbow) आदि। जोड़ शरीर का अहम हिस्सा होते हैं जिनके कारण उठना-बैठना, चलना, शरीर को मोड़ना आदि संभव हो पाता है।
 ऐसे मे जोड़ों में दर्द होने पर पूरे शरीर का स्वास्थ्य प्रभावित होता है। यह दर्द पैरों के घुटनों, गुहनियों, गदर्न, बाजुओं और कूल्‍हों में हो सकता है। एक्सरसाइज के अलावा पौष्टिक और हेल्‍दी खानपान आपके जोड़ के दर्द को कम कर के तुरंत आराम दिलाने में मदद करेगा।आइये जोड़ों के दर्द के घरेलू उपचार के बारे में जानते हैं:

मालिश करें (Massage)

शरीर के किसी भी दर्द में मालिश से बेहद आराम मिलता है, तो यही बात जोड़ों के दर्द में भी लागू होती है। यदि आपको अक्सर जोड़ों में दर्द बना रहता है तो नारियल, जैतून, सरसों या लहसुन के तेल से प्रभावित हिस्से की मालिश करें। हल्के हाथों से दबाव देते हुए दर्द वाले हिस्से को मलें। ऐसा करने से दर्द से राहत मिलेगी।

गर्म और ठंडी सिकाई (Cold and Hot Compress)

जोड़ों के दर्द से निजात के लिए गर्म और ठंडी सिकाई करने से भी बहुत आराम मिलता है। गर्म सिकाई करने से रक्त संचार बेहतर होता है वहीं ठंडी सिकाई से सूजन और चुभन कम होती है। गर्म सिकाई के लिए गर्म पानी की बोतल को टॉवल में लपेट कर जोड़ों की सिकाई करें। और ठंडी सिकाई करने के लिए बर्फ के टुकड़ों को टॉवल में लपेटकर, उस टॉवल से सिकाई करें। सिकाई करते वक्त कम से कम दो से तीन मिनट तक जोड़ों की लगातार सिकाई होनी चाहिए। यह पूरी प्रक्रिया 15 से 20 मिनट में दोहराएं।

लहसुन (Garlic)

यदि जोड़ों में दर्द है तो लहसुन का इस्तेमाल आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। इसके औषधीय गुण जोड़ों के दर्द, सूजन और जलन को ठीक करते हैं। लहसुन की दो कली हर सुबह खाली पेट पानी के साथ खाएं। खाना बनाने वाले किसी भी तेल में लहसुन की कुछ कलियां डाल कर भून लें। इस तेल को गुनगुना होने तक ठंडा करें और प्रभावित हिस्से की मालिश करें।

हल्दी (Turmeric)

हल्दी के स्वास्थ्य और सौन्दर्य को बनाए रखने वाले गुण किसी से छिपे नहीं है लेकिन अच्छी बात यह भी है कि यह जोड़ों के दर्द में भी उतनी ही प्रभावी है। हल्दी रक्त संचार तेज करके जोड़ों के दर्द से आराम देती है और जोड़ों की अकड़न को भी कम करती है।

अदरक (Ginger)

जोड़ों के दर्द के इलाज के लिए अदरक भी बेहतरीन प्रभाव दिखाता है। यह हर्ब भी गुणों से भरपूर है जो कि रक्त संचार को तेज करती है जिससे जोड़ों के दर्द से राहत मिलती है। एक दिन में लगभग तीन कप अदरक की चाय पिएं। अदरक की चाय बनाने के लिए पानी में अदरक उबालें और ठंडा करके इसमें शहद मिलाएं। और इसे पिएं। प्रभावित हिस्से की अदरक के तेल से मसाज भी की जा सकती है।

बबूल/कीकर और मेथी पाउडर का सेवन

 बबूल या कीकर की फली को सुखाकर उसका पाउडर बना लें, इसमें इतनी ही मात्रा में मेथी दाने का पाउडर बनाकर मिला लें। अब दोनों चीज़ों को आपस में अच्छी तरह  मिला लें और इस पाउडर को सुबह- शाम लगभग 1 चम्मच गुनगुने पानी से सेवन करें।

बथुआ के ताजा पत्‍तों का रस (The juice of fresh leaves Bathua)

बथुआ के ताजा पत्‍तों का रस हर दिन 15 ग्राम पिएं। इसमें स्‍वाद के लिए कुछ भी न मिलाएं। खाली पेट पीने से ज्‍यादा लाभ होता है। तीन महीने पीने से दर्द से हमेशा के लिए निजात मिल जाती है।

एप्पल साइडर विनेगर (Apple Cider Vinegar)

एप्पल साइडर विनेगर भी जोड़ों के दर्द से राहत देने में बहुत अच्छा असर दिखाता है। यह जोड़ों के दर्द और सूजन से राहत देता है। एप्पल साइडर विनेगरवमे किसी कपड़े को भिगोकर दर्द वाले स्थान पर लपेंटें और कुछ घंटों के लिए छोड़ दें। दिन में दो बार इस विधि को करें। गुनगुने पानी में 2 कप एप्पल साइडर विनेगर डालकर नहाया भी जा सकता है।

आलू का रस (Potato juice)

जोड़ों में दर्द होने पर हर दिन खाना खाने से पहले से दो आलूओं का रस निकाल लें और पिएं। हर दिन कम से कम शरीर में 100 मिली. रस पीने से आराम मिलेगा।

वजन को नियंत्रित रखें (Maintain your weight)

यदि आपका वजन नियंत्रण में रहेगा तो आपके जोड़ भी स्वास्थ्य रहेंगे। शरीर का ज्यादा वजन घुटनों और कमर पर अधिक दबाव डालता है, जिससे कार्टिलेज (cartilage) के टूटने का डर रहता है। ऐसे में वजन को नियंत्रण में रखना बेहद जरूरी है।

व्यायाम (Exercise)

जोड़ों के स्वास्थ्य के लिए व्यायाम को दैनिक दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। तैराकी (swimming) भी जोड़ों के दर्द से राहत के लिए अच्छा व्यायाम होती है।

दूध पीएं (Drink milk)

जोड़ों को मजबूत रखने के लिए दूध जरूर पीएं। दूध से हड्डियों को कैल्शियम और विटामिन डी मिलता है जिससे हड्डियां मजबूत बनती हैं। यदि दूध पसंद न हो तो दूध से बने अन्य खाद्य पदार्थ जैसे पनीर, दही आदि भी खाए जा सकते हैं।

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Monday 18 September 2017

गुर्दे की पथरी का उपचार

गुर्दे की पथरी, या नेफ्रोलिथियासिस एक कठिन, क्रिस्टलीय खनिज पदार्थ है जो गुर्दे या मूत्र पथ मे होती है। गुर्दा की पथरी आम तौर पर गुर्दे में होती है और मूत्र प्रवाह के साथ शरीर से बाहर निकलती है। एक छोटा पत्थर, किसी भी लक्षण के बिना पार हो सकता है। लेकिन अगर पत्थर 5 मिलीमीटर से अधिक हो जाता है, तो यह मूत्रमार्ग मे रुकावट पैदा कर सकता है, जिसके परिणामस्वरूप पीठ के निचले हिस्से या पेट में गंभीर दर्द हो सकता है।
विभिन्न पदार्थों से बने, चार प्रकार के गुर्दा पत्थर होते हैं - कैल्शियम, यूरिक एसिड, स्ट्रुविइट, सिस्टिन हैं। विभिन्न कारक इन पत्थरों के विकास के जोखिम को बढ़ा सकते हैं। आनुवांशिकी और पर्यावरणीय कारकों के संयोजन के कारण अधिकांश पत्थियां बनती हैं। जोखिम कारक में मूत्र में कैल्शियम का उच्च स्तर, मोटापा, कुछ खाद्य पदार्थ, कुछ दवाएं, कैल्शियम की खुराक, अतिपरजीविता, गाउट और पर्याप्त तरल पदार्थ न मिलना शामिल हैं।

गुर्दे की पथरी के लक्षण

पत्थर के आकार के आधार पर, मूत्र पथ के माध्यम से पत्थर का आंदोलन, अचानक गंभीर दर्द दे सकता है। पीठ के निचले हिस्से, पेट, और पक्ष अक्सर दर्द और ऐंठन की जगह होते हैं। गुर्दा की पथरी के अन्य लक्षणों में मूत्र में रक्त (लाल, गुलाबी, या भूरे रंग के मूत्र), उल्टी, मतली, बदबूदार पेशाब, ठंड लगना, बुखार, पेशाब करने की अक्सर आवश्यकता, छोटी मात्रा में पेशाब करना शामिल हैं।

गुर्दे की पथरी का निदान

गुर्दा की पथरी के निदान के लिए एक पूरा स्वास्थ्य इतिहास मूल्यांकन और एक शारीरिक परीक्षा की आवश्यकता है। अन्य परीक्षणों में शामिल हैं:
- कैल्शियम, फास्फोरस, यूरिक एसिड, और इलेक्ट्रोलाइट्स के लिए रक्त परीक्षण
- क्रिस्टल, बैक्टीरिया, रक्त, और सफेद कोशिकाओं की जांच करने के लिए यूरीनालिसिस।
- पेट एक्सरे
- अंतःशिरा पियलोग्राम
- पेट का सी-टी स्कैन
गुर्दे की पथरी के लिए उपचार
पत्थर के प्रकार और कारण के आधार पर, गुर्दे की पथरी के लिए उपचार भिन्न होता है।

छोटे पत्थरों के लिए:

छोटे गुर्दा की पत्थरों में से अधिकांश को आक्रामक उपचार की आवश्यकता नहीं होगी। आप इस तरह से एक छोटे से पत्थर पारित करने में सक्षम हो सकते हैं:
- एक दिन में छह से आठ गिलास पानी पीने से
- एक छोटा पत्थर पास होने से कुछ परेशानी हो सकती है, इसलिए हल्के दर्द को दूर करने के लिए, आपका डॉक्टर दर्द निवारक जैसे कि इबुप्रोफेन की सिफारिश कर सकता है।
- आपका डॉक्टर आपको एक अल्फा अवरोधक भी लिख सकता है, जो कि आपके मूत्रवाहिनी में मांसपेशियों को आराम देता है, जिससे कि आप गुर्दा की पथरी को और अधिक तेज़ी से और कम दर्द के साथ पारित करते हैं।

बड़े पत्थरों के लिए:

गुर्दे की पथरी जो बहुत बड़ी है, उन्हें अधिक व्यापक उपचार की आवश्यकता हो सकती है।

1. औषधि-प्रयोग:

दर्द से राहत पाने में मादक दवाओं की आवश्यकता हो सकती है। संक्रमण की उपस्थिति होने पर एंटीबायोटिक दवाओं के साथ इलाज की आवश्यकता है। अन्य दवाओं में शामिल हैं:
- यूरिक एसिड पत्थरों के लिए एलोप्यूरिनॉल
- मूत्रल
- सोडियम बाइकार्बोनेट या सोडियम साइट्रेट
- फास्फोरस समाधान

2. अश्मरीभंजक:

एक्स्ट्राकोर्पोरियल शॉक वेव लिथोट्रिपी बड़े पत्थरों को तोड़ने के लिए ध्वनि तरंगों का उपयोग करता है। यह प्रक्रिया थोड़ी दर्दनाक हो सकती है और हल्के संज्ञाहरण की आवश्यकता हो सकती है।

3. टनल सर्जरी (पर्कूटनियस नैफ्रोलीथोटोमी):

पत्थरों को आपकी पीठ में एक छोटी सी चीरा के माध्यम से हटा दिया जाता है और ये तब आवश्यक हो सकता है जब:
- पत्थर बाधा और संक्रमण का कारण बनता है या गुर्दों को नुकसान पहुंचाता है
- पास करने के लिए पत्थर बहुत बड़ा हो गया है
- दर्द को नियंत्रित नहीं किया जा सकता

4. यूरेटेरोस्कोपी:

जब एक पत्थर मूत्रवाहिनी या मूत्राशय में फंस जाता है, तो आपका डॉक्टर एक उपकरण का उपयोग कर सकता है जिसे यूरेरोस्कोप कहा जाता है। संलग्न कैमरे के साथ एक छोटा तार मूत्रमार्ग में डाला जाता है, और मूत्राशय में जाता है। एक छोटा पिंजरा पत्थर पकड़ने और इसे हटाने के लिए प्रयोग किया जाता है।
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Thursday 7 September 2017

बड़े स्तन को कम करने के उपाय

बढे स्तन कम करने के उपाय – एक महिला की सुन्दरता को बढ़ाने के लिए उसके स्तन सबसे ज्यादा अहम भूमिका निभाते है. इसलिए उनका ज्यादा बड़ा होना बहुत जरूरी है, लेकिन ज्यादा छोटे होना या आकार में ना होना ये भी महिला को थोड़ा सा बुरा साबित हो सकता है क्योंकि महिलाओं पर किसी भी व्यक्ति की नज़र जाती है तो वो उसके शरीर की बनाबट को देखता है और इसीलिए यदि महिला के स्तन सुंदर पोस्ट और सही आकार के होना जरूरी है ताकि वह महिला के सौंदर्य को और भी खूबसूरत बनाएं लेकिन कुछ स्त्रियां अपने स्तनों को बढ़ाना चाहती हैं. बड़े स्तन को कम करने के उपाय बहुत ही आसान है.
लेकिन कुछ स्त्रियां ऐसी भी हैं जो कि अपने स्तनों के बढ़े हुए आकार से बहुत ही ज्यादा परेशान होती हैं क्योंकि ज्यादा बड़े स्तन महिला को के लिए नुकसानदायक होते हैं यदि किसी के ज्यादा ही बड़े स्तन है तो कमर दर्द गर्दन के दर्द सांस लेने में दिक्कत थकान आदि जैसी कई समस्याएं हो जाती हैं लेकिन यदि आप अपने स्तनों के आकार को छोटा करना चाहती हैं या उन्हें सही आकार मिलाना चाहती हैं तो आप कुछ उपाय कर सकते हैं बड़े स्तन को कम करने के उपाय बहुत ही आसान है.

बड़े स्तन को कम करने के उपाय –

बड़े स्तन कम करने के उपाय निम्नलिखित हैं जिन्हें आप आसानी से घर पर भी कर सकती हैं बड़े स्तन कम करने के उपाय मैं आप सबसे पहले अदरक का उपयोग कर सकती हैं क्योंकि अदरक शरीर की चर्बी को कम करने में बहुत ही ज्यादा मददगार होता है और इसीलिए कई सारी दवाओं में अदरक का उपयोग किया जाता है यह शरीर के मेटाबोलिक लेवल को कम करके बढ़े हुए स्तन के आकार को भी कम कर देता है.
इसके अलावा स्तनों में जो मांस बनाने वाली कोशिकाएं होती हैं उन्हें धीरे-धीरे खत्म कर देता है जिससे स्तन का साइज एकदम सही हो जाता है अदरक का इस्तेमाल आप इस तरह कर सकती हैं अदरक के छोटे छोटे टुकडे लें और उन्हें पीस लें और इन्हें एक कप पानी में डालकर उबाल लें और जब यह उबल जाए तो है नहीं शहद के साथ मिलाकर पिए ऐसा करने से आपको काफी लाभ होगा और आपके स्तन का आकार भी सही हो जाएगा.
 है और यदि आप मछली को ठंडे पानी में भिगोकर इसका बाद में सेवन करते हैं तो आपको लाभ होगा यदि आप वेजिटेरियन हैं तो आप मछली के तेल की जगह अधिक से अधिक हरी सब्जियों का सेवन भी कर सकती है जैसे कि पालक गाजर मूली आदि क्योंकि यह शरीर में नमक और चीनी की मात्रा को कम करते हैं और जैसे आपके स्तनों का आकार एकदम सही और समान हो जाएगा और आपके स्तन आकर्षक लगने लगेंगे.
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Tuesday 5 September 2017

कैसे करें डायबिटीज कंट्रोल ?

डायबिटीज जिसे  मधुमेह  भी  कहा जाता  है एक गंभीर बीमारी है जिसे धीमी मौत (साइलेंट किलर ) भी कहा जाता है।
 संसार भर में मधुमेह रोगियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है विशेष रूप से भारत में। इस  बीमारी में रक्त में ग्लूकोज का स्तर सामान्य से अधिक बढ़ जाता है  तथा रक्त की कोशिकाएं इस शर्करा को उपयोग  नहीं कर पाती। यदि यह ग्लूकोज  का बढ़ा हुआ लेवल खून में लगातार बना रहे तो शरीर के अंग प्रत्यंगों को नुकसान  पहुँचाना शुरू कर देता  है।

डायबिटीज के कारण (Causes  of Diabetes )-
खान पान एवं लाइफ स्टाइल की गलत आदतें जैसे मधुर एवं भारी भोजन का अधिक सेवन करना, चाय, दूध  आदि में  चीनी का ज्यादा सेवन, कोल्ड ड्रिंक्स एवं अन्य सॉफ्ट ड्रिंक्स अधिक पीना, शारीरिक  परिश्रम ना करना, मोटापा, तनाव, धूम्रपान, तम्बाकू, आनुवंशिकता आदि डायबिटीज के प्रमुख कारण हैं ।

डायबिटीज के लक्षण (Diabetes Symptoms)-

बार बार  पेशाब लगना, प्यास  ज्यादा  लगना, भूख  ज्यादा  लगना, बिना काम करे भी थकान  होना, शरीर में कहीं  घाव होने पर जल्दी ठीक ना होना तथा  त्वचा का बार बार इन्फेक्शन होना। ये सब डायबिटीज के लक्षण  हैं।
यदि इनमे से कुछ  लक्षण यदि  लगातार दिखाई दें तो  खून में शुगर की जाँच अवश्य करवानी चाहिए यह जाँच  बहुत सामान्य और सस्ती होती है जो छोटी छोटी लैब्स में आसानी से हो जाती हैं इसके लिए शुगर का शक होने पर दिन में किसी भी समय (ब्लड शुगर- रैंडम) जाँच करवाई जा सकती है या बार -बार जरुरत पड़े तो जाँच करने की मशीन  घर  पर लायी जा सकती है जो ज्यादा महँगी नहीं होती।

डायबिटीज रोग के उपद्रव  (Complications of Diabetes) –

यदि मधुमेह  रोग का समय पर पता ना चले या पता चलने पर भी खान पान तथा जीवन शैली में लगातार लापरवाही  की जाये और समुचित चिकित्सा ना की जाये तो  खून में सामान्य से अधिक बढ़ा हुआ शुगर का लेवल शरीर के अनेक  अंगों जैसे गुर्दे (Kidney), ह्रदय (Heart), धमनियां (Arteries) आँखें (Eyes) त्वचा (Skin) तथा  नाड़ी  तंत्र (Nervous System) को नुकसान  पहुँचाना शुरू  कर   देता  है और जब तक रोगी संभलता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती  है।

 डायबिटीज की चिकित्सा- 

1. ख़ान पान  में  सुधार  करें-चीनी (sugar) एवं  अन्य मीठे पदार्थो का सेवन कम से कम करें या ना करें, चोकर युक्त  आटा, हरी सब्जियां ज्यादा खाएं, मीठे फलों को छोड़ कर अन्य फल  खाएं, एक बार में ज्यादा खाने की बजाय भोजन  को छोटे छोटे अंतराल  में लें, घी तेल से बनी एवं तली भुनी चीजें जैसे- समोसे, कचौड़ी, पूड़ी, परांठे आदि का सेवन कम  से कम करें, गेहूँ, जौ एवं चने को मिला कर बनाई हुई यानि मिस्सी रोटी शुगर की बीमारी  में बहुत फायदेमंद होती  है।
  1. शारीरिक रूप से सक्रिय रहे –
नित्य व्यायाम करना, योग प्राणायाम का नियमित  अभ्यास करना, सुबह शाम चहल कदमी (Morning Evening walk) करना मधुमेह रोग में शुगर कंट्रोल करने के लिए बहुत लाभदायक  है तथा मोटापा नियंत्रण  में  रहता है जो  की  डायबिटीज  का  महत्वपूर्ण  कारण  है।

3. तनाव (Tension, Anxiety Stress) से  बचें –

मधुमेह रोग में तनाव की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण होती है तनाव से बचने की पूरी  कोशिश करें। स्ट्रेस  या  तनाव  के  कारणों को आपसी बात चीत से हल करें, योगा, प्राणायाम, ध्यान  तथा सुबह शाम घूमने से स्ट्रेस कंट्रोल करने में सहायता मिलती  है।

 4. घरेलु  उपाय ( Home Remedies for Diabetes in Hindi )–

आयुर्वेद की कुछ जड़ी बूटियां मधुमेह रोग में  बहुत उपयोगी हैं इनका सेवन डायबिटीज में बहुत लम्बे  समय से किया  जा रहा है आधुनिक चिकित्सा विज्ञान भी डायबिटीज में इनकी उपयोगिता सिद्ध कर चुका है।
  • दाना मेथी –
दाना मेथी मधुमेह  में  बहुत उपयोगी है इसके लिए एक या दो चम्मच दाना मेथी को एक गिलास पानी में रात में  भिगो देते है सुबह मेथी को चबा चबा कर खा लेते हैं तथा मेथी के पानी को पी लेते हैं या मेथी का चूर्ण या सब्जी  बनाकर भी सेवन कर सकते हैं।
  • करेला –
करेला भी डायबिटीज के लिए अति महत्पूर्ण है इसके लिए करेले का जूस अकेले या आंवले के जूस में मिला कर 100-125 Ml  की मात्रा में सुबह शाम भूखे पेट लें साथ ही करेले की सब्जी  बनाकर या चूर्ण के रूप  में  भी सेवन  कर सकते  हैं।
  • जामुन –
जामुन का फल खाने  में जितना स्वादिस्ट और रुचिकारक होता है उतना  ही शुगर की तकलीफ में लाभदायक  होता  है इसके लिए जामुन के सीजन में जामुन के फल खाए जा सकते हैं तथा सीजन ना होने पर जामुन की गुठली का चूर्ण सुबह शाम भूखे  पेट पानी से ले सकते हैं।
  • विजयसार –
विजयसार को ना केवल आयुर्वेद बल्कि आधुनिक चिकित्सा विज्ञान भी डायबिटीज में बहुत उपयोगी  मानता है इसके लिए विजयसार की लकड़ी से बने गिलास में रात में पानी भर कर रख दिया जाता है सुबह भूखे पेट इस पानी को पी लिया जाता है विजयसार की लकड़ी में पाये जाने वाले तत्व रक्त में इन्सुलिन  के स्राव को बढ़ाने में सहायता करते हैं।

5. औषधियां-
यदि  खून  में  शुगर  की  मात्रा  ज्यादा  बढ़ी  हुई  नहीं  हो  तो उपरोक्त  उपायों से  आराम  अवश्य  मिलता  है किन्तु यदि खून में शुगर लेवल ज्यादा हो तो चिकित्सक की राय अवश्य लेनी चाहिए, इसके  लिए एलोपैथी में  इन्सुलिन के इंजेक्शन तथा मुख से सेवन करने वाली गोलियों आदि  का प्रयोग किया जाता है तथा आयुर्वेद में  बसंत  कुसुमाकर  रस, शिलाजत्वादि वटी, चन्द्र प्रभा वटी, शुद्ध शिलाजीत तथा अन्य अनेक दवाओं  का प्रयोग किया जाता  है ये दवाइयाँ डायबिटीज में बहुत फायदेमंद होती हैं लेकिन इन्हे चिकित्सक की राय से ही सेवन करना चाहिए ।